
हम भारत के लाल हैं
विद्यार्थीकाल शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक विकास का समय है । विद्यार्थियों को अपने अध्ययन और प्रवृत्ति के लिए उत्साह, बुद्धिशक्ति, स्मृतिशक्ति, एकाग्रता, संकल्पबल आदि गुणों के विकास की बहुत आवश्यकता होती है । भारतीय संस्कृति और योग पर आधारित शिक्षा से ही विद्यार्थी का सर्वांगीण विकास हो सकता है ।
विद्यार्थियों के स्वस्थ, सुखी और प्रसन्न जीवन के लिए उपयोगी ज्ञान तथा सफलता और सर्वांगीण विकास में सहायक अनेक कुंजियों का संकलन है ‘हम भारत के लाल हैं’ साहित्य ।
इसमें है :
* ...तो सफलता मेरी जिम्मेदारी ! – पूज्य संत श्री आशारामजी बापू
* ईश्वर से भावपूर्ण प्रार्थना - जोड़े के हाथ झुका के मस्तक...
* जानिये सफलता का विज्ञान - जिज्ञासु बनो...
* सच्चा विद्यार्थी कौन ?
* सच्चा विद्यार्थी कैसे बनें ?
* जीवनशक्ति का विकास कैसे हो ?
* स्वस्थ, सुखी और प्रसन्न जीवन की युक्तियाँ
* सफल और समुन्नत कौन होते हैं ?
* तू गुलाब होकर महक... तुझे जमाना जाने ।
* साँईं श्री लीलाशाहजी महाराज का ज्ञान, वैराग्य व योग-सामर्थ्य
* शिष्य ऐसा हो कि गुरु का दिल छलक पड़े...
* उत्तम स्वास्थ्य एवं दीर्घायुष्य के लिए दिनचर्या
* निष्काम सेवा और मधुर वाणी से पत्थर दिल पिघला
* बुद्धि महान कैसे बनती है और नष्ट कैसे होती है ?
* लाल बहादुर शास्त्रीजी के बचपन का प्रेरणात्मक प्रसंग
* संकल्पशक्ति का प्रतीक – रक्षाबंधन
* मातृ-पितृ पूजन दिवस पर प्रसिद्ध हस्तियों के विचार
* आओ मनायें 14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन दिवस
* युगप्रवर्तक संत श्री आशारामजी बापू की प्रेरक जीवनी
* त्रिकाल संध्या से अद्भुत लाभ
* विज्ञान भी सिद्ध कर रहा है प्रभुनाम की महिमा
* ...तो सफलता आपके पीछे-पीछे
* ध्यान से अनेकों लाभ
* ऐसा क्यों ?
* स्वास्थ्य का दुश्मन है फास्टफूड
* रासायनिक नहीं, प्राकृतिक रंगों से खेलें होली
* टी.वी. व फिल्मों का कुप्रभाव
* शारीरिक व मानसिक विकास में उपयोगी आसन, मुद्राएँ व प्राणायाम
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