
Nasik Shivir - 18-April-2007
विफ़लता और शत्रु अहंकार और वासना मिटाने की औषध है |
धनवान होकर भी जो कमाई का 10% दान पुण्य नही करता उसका धन दवाई, टैक्स, ऍक्सिडेन्ट, बीमारी में जाएगा |
संत की निंदा सुनने से पुण्य और भक्ति क्षीण होती है |
भगवान देना चाहते है तो इतना ही दो की माँगने की इच्छा नही रहे |
सफलता सेवा का विस्तार करने के लिये है |
बेवकूफ़ी जितनी बढ़ेगी उतना संसार अच्छा लगेगा |
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