
पुनर्नवा मूल(Achyutaya Punarnava Tab )
Net Weight: 50gms.
M.R.P. - Rs. 35/-
1. पुनर्नवा सुजन को नष्ट करती है यह ह्रदय रोग व किडनी के विकारों में (पथरी,किडनी फेल्युअर, किडनी की सुजन आदि) में विशेष लाभदायी है ।
2. प्रोस्टेट ग्रंथि में वृद्धि होने पर पुनर्नवा की जड़ के चूर्ण का सेवन करें। संधिवात में पुनर्नवा के पत्तों की भाजी सोंठ डालकर खायें।
3. पैर की एड़ी में वेदना होती हो तो पुनर्नवा में सिद्ध किया हुआ तेल पैर की एड़ी पर लगाए एवं सेंक करें।
4. मोटापा दूर करने के लिए पुनर्नवा के 5 ग्राम चूर्ण में 10 ग्राम शहद मिलाकर सुबह-शाम लें।
5. पुनर्नवा की सब्जी बना कर खायें।
पेट के रोगः गोमूत्र एवं पुनर्नवा का रस समान मात्रा में मिलाकर पियें।
6. पुनर्नवा लीवर का कार्य सुधारकर रक्त की वृद्धि करती है ।
मात्रः 2-2 गोली सुबह - शाम गुनगुने पानी अथवा अदरक के रस और गुड़ के साथ ।
(डायबिटीजवाले गुनगुने पानी के साथ लें) वैद्यकीय सलाहानुसार प्रयोग करें ।
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