संस्कारी बालक बने महान (Sanskari Balak Bane Mahan)
यदि हमें अपने राष्ट्र के भविष्य को उज्ज्वल बनाना है तो अपने बच्चों में अच्छे संस्कार भरने होंगे क्योंकि वे राष्ट्र के भावी कर्णधार हैं । संयम, सदाचार, पुरुषार्थ, निर्भयता आदि संस्कारों एवं सद्गुणों को ग्रहण करके ही बच्चे देश व समाज के आदर्श नागरिक बन सकते हैं । जीवन को प्रसन्न, परिवार को शांतिमय, समाज को सहानुभूतिभरा व देश को समर्थ राष्ट्र बनाना हो तो नयी पीढ़ी में बचपन से ही अच्छे संस्कारों एवं सद्गुणों का सिंचन करना परम आवश्यक है । बच्चों में हस्ते-खेलते, सहजता से अच्छे संस्कारों का सिंचन हो सके इस उद्देश्य से आकर्षक रंगीन डिजाइन में ‘संस्कारी बालक बनें महान’ पुस्तक का निर्माण किया गया है ।
इस सत्साहित्य में है :
* परमात्मा से सीधा संबंध जोड़ने का सरल साधन : प्रार्थना
* प्रभु ! तू कितना दयालु है...
* जीवन-विकास और सर्वसफलता की कुंजी : सही दिनचर्या
* कैसे बनें आदर्श विद्यार्थी ?
* जैविक घड़ी पर आधारित दिनचर्या
* हम बालक हैं तो क्या हुआ (कविता)
* बालक हनुमान पर माँ अंजना के दिव्य संस्कारों का प्रभाव
* कल्याण की गुरुनिष्ठा
* पूज्य संत श्री आशारामजी बापू के बाल्यकाल के संस्कार
* कैसे जगायें अपनी सुषुप्त शक्तियाँ ?
* भारतीय संस्कृति की परम्पराओं का महत्त्व
* प्रकृति के अनमोल उपहार : पीपल, आँवला, तुलसी, नीम व वटवृक्ष
* प्राकृतिक वैदिक होली खेलें, केमिकल रंगों के हानिकारक दुष्प्रभाव से बचें
* स्वास्थ्य का खजाना
* स्वास्थ्यवर्धक विभिन्न प्रयोग
* आओ सीखें योग, रहें स्वस्थ, संयमी व निरोग
* हँसते-खेलते पायें ज्ञान, बने जीवन दिव्य महान
* सर्वकल्याणकारी ‘ॐ’ का जप
* ‘मुझे गर्व है कि मैं बापूजी की शिष्या हूँ ।’
– अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त जादूगर आंचल (अनुभव)
* विद्यार्थी छुट्टियाँ कैसे मनायें ?
200
125
200
25
16
60
6
5
6
21
6
4
3
8
7
9
5
29
8
10
All major credit, debit cards & Net Banking options available.
Order any product through Android or iphone app
100% MoneyBack Guarantee.
Copyright © Ashram eStore. All rights reserved.