
श्रीकृष्ण अवतार दर्शन
श्रीकृष्ण के जीवन को तत्त्वतः समझना अत्यन्त कठिन है । भगवान श्रीकृष्ण स्वयं गीता में कहते हैं-
कश्चिन्मां वेत्ति तत्त्वतः ।
'कोई विरला ही मुझे तत्त्व से जानता है ।'
ईश्वर को तत्त्वतः जानना और यथारूप विवेचन कर उसे दूसरों को समझना तो और भी कठिन है । कोई विरले महापुरूष ही यह कार्य लोकभोग्य शैली में कर पाते हैं ।
इस छोटे से ग्रन्थ में भारत के तत्त्ववेत्ता महापुरूष पूज्यपाद संत श्री आसाराम जी बापू की अनुभवसम्पन्न योगवाणी में भगवान श्रीकृष्ण की मधुर लीलाओं का वर्णन संकलित कर लिपिबद्ध किया गया है ।
संत श्री के वचनामृत त्रिविध तापों से संतप्त मानवजीवन को केवल शीतलता ही प्रदान नहीं करते हैं, अपितु उनका मनन करने वालों को तत्त्वज्ञान के उच्च शिखर पर आरूढ़ होने में भी सहायता करते हैं ।
प्रस्तुत पुस्तक में प्रकाशित श्रीकृष्ण के जीवनादर्शों का अनुसरण कर आत्मकल्याण के इच्छुक साधक नित्य-निरन्तर तत्परतापूर्वक साधनापथ पर अग्रसर होंगे, इसी आशा के साथ.......
महिला उत्थान ट्रस्ट, अहमदाबाद
200
25
16
50
6
5
6
21
6
4
3
6
7
9
5
29
7
10
6
6
All major credit, debit cards & Net Banking options available.
Order any product through Android or iphone app
100% MoneyBack Guarantee.
Copyright © Ashram eStore. All rights reserved.