Aantar Jyot : Hindi [आंतर ज्योत]

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‘आंतर ज्योत’ पुस्तक में जीवन के मौलिक प्रश्न विषयक संतों-महापुरुषों का गहन वेदांतिक अध्ययन एवं उनके अनुभव को प्रस्तुत किया गया है । अपने स्वरूप में जगे हुए महापुरुष पूज्य संत श्री आशारामजी बापू की ज्ञान-ज्योत से ओतप्रोत इस पुस्तक का पठन-मनन करके मानव अपने अंदर की ज्योत को, हृदय-मंदिर की ज्योत को जगा सकता है ।

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आंतर ज्योत
हीरे में चमक बाहर से नहीं भरनी पड़ती बल्कि हीरे को घिसकर उसके भीतर की चमक को प्रकट करना पड़ता है । इसी प्रकार मनुष्य के अंदर ही आत्मसुख का खजाना है, उसे जब ब्रह्मवेत्ताओं का सान्निध्य एवं सत्संग मिल जाता है तो वह आंतरिक सुख, स्वतंत्र सुख, मुक्तिदायी सुख को प्रकट कर देता है । ‘आंतर ज्योत’ पुस्तक में जीवन के मौलिक प्रश्न विषयक संतों-महापुरुषों का गहन वेदांतिक अध्ययन एवं उनके अनुभव को प्रस्तुत किया गया है । अपने स्वरूप में जगे हुए महापुरुष पूज्य संत श्री आशारामजी बापू की ज्ञान-ज्योत से ओतप्रोत इस पुस्तक का पठन-मनन करके मानव अपने अंदर की ज्योत को, हृदय-मंदिर की ज्योत को जगा सकता है ।

इसमें आप पायेंगे :
* आंतर ज्योत कैसे जागृत हो ?
* मनुष्य पापकर्म में प्रवृत्त क्यों होता है ?
* समाज में हिंसा, सर्वत्र दुःख एवं अव्यवस्था का मुख्य कारण क्या है ?
* मानव-जीवन का कल्याणकारी लक्ष्य एवं उसकी प्राप्ति का उपाय क्या ?
* आधि-व्याधि उत्पत्ति के कारण एवं उनका निवारण
* दस दोषों से अपने को बचायें, आंतर ज्योत जगायें
* मन, वाणी व शरीर के पाप, जो देते हैं दुःख एवं संताप
* मानव-धर्म की चार बातें, जो सहज में आंतर ज्योत जगायें
* जीवन में धर्म कैसे आये ?
* आत्म-संरक्षण का उपाय : धर्म
* आंतर ज्योत जगाने में सहायक उपाय – पवित्रता, आहार-शुद्धि, सूक्ष्म आहार…
* 5-10 मिनट का प्रयोग, जो है पूरे जीवन के लिए शक्ति-संचय का स्रोत
* कार्यसिद्धि का मूलभूत रहस्य क्या है ?
* ऐसी महिमा है नमस्कार की !
* किसका जीवन सफल और जन्म धन्य है ?
* मुख में रखो रामनाम और हाथों से करो ये सुंदर काम
* देर क्यों करते हो ?
* दुःख, चिंता मिटाने एवं आंतर ज्योत जगाने का सरल उपाय : कीर्तन
* कालरूपी भेड़िया आकर गला दबाये उसके पहले गुरुज्ञान से ज्योत जगायें

Additional information

Net Weight (after packaging) 40 g

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