भगवन्नाम जप-महिमा
मंत्रों में गुप्त अर्थ और उनकी शक्ति होती है, जो अभ्यासकर्ता को दिव्य शक्तियों के पुंज के साथ एकाकार करा देती है । भगवान का मंगलकारी नाम दुःखियों का दुःख मिटा सकता है, रोगियों के रोग मिटा सकता है, पापियों के पाप हर लेता है, अभक्त को भक्त बना सकता है, मुर्दे में प्राणों का संचार कर सकता है । भगवन्नाम का जप करनेवाले को लौकिक-अलौकिक सफलताप्राप्ति के साथ ईश्वरप्राप्ति का उद्देश्य रहने पर ईश्वरप्राप्ति भी हो जाती है ।
वैसे तो भगवन्नाम व मंत्रजप की महिमा लाबयान है लेकिन समाज को इसका लाभ मिल सके इसलिए पूज्य संत श्री आशारामजी बापू के सत्संग-प्रवचनों से संकलित कर यह पुस्तक ‘भगवन्नाम जप-महिमा’ बनायी गयी है, जिसका अध्ययन करके जन-समाज इस नामरूपी अमृत का आचमन लेकर अपना जीवन सफल बना सके । इस सत्साहित्य के मुख्य बिंदु हैं :
* श्रद्धापूर्वक जप से होनेवाले अनुपम लाभ
* आधुनिक काल में मंत्रजाप से मृतक को मिला जीवनदान
* दिन के 24 घंटों में कम-से-कम इतना तो करें
* हरि-गुरुनाम कीर्तन है कलिकाल की चिंतामणि व कल्पतरु
* डॉक्टर डायमंड की खोज – पाश्चात्य रॉक-पॉप संगीत से होनेवाली हानियाँ एवं कीर्तन के अद्भुत लाभ
* संत कबीरजी, संत तुलसीदासजी, संत श्री उड़िया बाबाजी आदि संतों के वचन एवं श्रीमद्भागवत आदि में वर्णित भगवन्नाम महिमा के कुछ अंश
* भगवन्नामजप-महिमाके बारे में क्या कहते हैं शास्त्र ?
* संदेह की आँच ही गिराने के लिए पर्याप्त है
* कितना असरकारक है मंत्रजाप ?
* कैसी दिव्य महिमा है मंत्र की !
* …यह युग के अनुरूप यज्ञ है
* गुरुमंत्र का प्रभाव
* भगवन्नाम की 15 विशेष शक्तियाँ
* भगवन्नाम जप करनेवाला प्रेतयोनि को प्राप्त नहीं होता
* स्थिरता, एकाग्रता व स्मरणशक्ति का विकास करनेवाला एवं सभी कार्यों में सफलता देनेवाला प्रयोग
* एकाग्रतापूर्वक मंत्रजाप से योग-सामर्थ्य
* नाम-निंदा से नाक कटी
* भगवन्नाम-जप – एक अमोघ साधन
* ॐकार मंत्र की 19 दिव्य शक्तियों के लाभ, जैसे – कोई मनुष्य दिशाशून्य हो गया हो, लाचारी की हालत में फेंका गया हो, कुटुम्बियों ने मुख मोड़ लिया हो, किस्मत रूठ गयी हो, साथियों ने सताना शुरू कर दिया हो, पड़ोसियों ने पुचकार के बदले दुत्कारना शुरू कर दिया हो… चारों तरफ से व्यक्ति दिशाशून्य, सहयोगशून्य, धनशून्य, सत्ताशून्य हो गया हो फिर भी हताश न हो वरन् ॐकार सहित भगवन्नाम-जप में लग जाय तो वह कुछ समय में ही सब दिशाओं में सफल और सब गुणों से सम्पन्न होने लगेगा ।
* भगवन्नामजप-महिमा से संबंधित और भी बहुत कुछ…
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Bhagavannaam Jaap Mahima : Hindi [भगवन्नाम जप महिमा]
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भगवन्नाम व मंत्रजप की महिमा लाबयान है लेकिन समाज को इसका लाभ मिल सके इसलिए पूज्य संत श्री आशारामजी बापू के सत्संग-प्रवचनों से संकलित कर यह पुस्तक ‘भगवन्नाम जप-महिमा’ बनायी गयी है, जिसका अध्ययन करके जन-समाज इस नामरूपी अमृत का आचमन लेकर अपना जीवन सफल बना सके ।
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Net Weight (after packaging) | 70 g |
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