गुरुपूर्णिमा संदेश
आध्यात्मिकता के पथिकों के लिए नव वर्ष है गुरुपूर्णिमा । इस पर्व पर साधक अपनी उन्नति-अवनति का सिंहावलोकन करते हैं तथा आध्यात्मिकता के शिखर पर शीघ्रता से आरूढ़ होने के लिए पुनः दृढ़ संकल्पित होते हैं ।
शिष्य गुरु से कुछ नया मार्गदर्शन, नया उत्साह लेकर अपने लक्ष्य की ओर तीव्रता से गति करें, कुछ नियम, कुछ संकेत, गुरुओं का आशीर्वाद पायें और अपनी कृतज्ञता व्यक्त करें इसीलिए गुरुपूर्णिमा के पर्व का आयोजन किया गया है । गुरुपूर्णिमा क्या है, गुरुपूर्णिमा मनाने का उद्देश्य क्या है, गुरुपूर्णिमा कैसे मनाना चाहिए – इन सभी बातों को पूज्य संत श्री आशारामजी बापू के अमृतवचनों से संकलित करके ‘गुरुपूर्णिमा संदेश’ नामक सत्साहित्य बनाया गया है । इसमें आप जानेंगे :
* गुरुपूर्णिमा पर्व का उद्देश्य
* गुरुपूर्णिमा का इतिहास
* गुरुपूर्णिमा का संदेश
* किनकी पूजा के बाद कोई पूजा नहीं बचती
* गुरुकृपा ही मनुष्य को आवागमन से मुक्ति दिला सकती है
* शिष्यों का अनुपम पर्व है गुरुपूर्णिमा
* क्या हैं सत्शिष्य के लक्षण ?
* साधक को क्या करना चाहिए ?
* गुरुपूर्णिमा अर्थात् गुरु के पूजन का पर्व
* गुरुदेव से प्रार्थना
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