हमारे आदर्श
जीवन में संयम, सदाचार, प्रेम, सहिष्णुता जैसे दैवी गुणों को लाने तथा ऊँचे-में-ऊँचे ध्येय ‘परमात्मप्राप्ति’ को हासिल करने के लिए आदर्श चरित्रों का पठन-पाठन बहुत आवश्यक है । पूज्य संत श्री आशारामजी बापू के सत्संग-प्रवचनों में से महापुरुषों, देशभक्तों, वीर बालक-बालिकाओं के प्रेरणादायक जीवन-प्रसंगों को संकलित कर ‘हमारे आदर्श’ नाम की यह पुस्तक बनायी गयी है । विद्यार्थियों में दिव्यता, अपने कर्तव्यकर्म एवं धर्म के प्रति रुचि बढ़ानेवाले इस सत्साहित्य से जानें –
* श्रेष्ठ सम्पत्ति क्या है और उसे पाने का उपाय क्या है ?
* सफलता और विफलता के कारण और उसका रहस्य
* कील न ठुकवायी… घोड़ा गिरा… सैनिक मरा… देश हारा (प्रेरणाप्रद कथा)
* जीवन में सर्वांगीण उन्नति हेतु कौन-से चार बल हैं जरूरी ?
* …इससे अधिक कोई दूसरी मूर्खता होगी !
* माथे पर तो हमेशा भारत ही रहेगा
* … ऐसे थे धर्मनिष्ठ देशभक्त केशवराव हेडगेवार
* आरे से चिरवाया गया फिर भी धर्म नहीं छोड़ा
* स्वधर्मे निधनं श्रेयः…
* धर्म हेतु बलिदान देनेवाले चार शहीदों की अमरगाथा
* जब धर्म की रक्षा हेतु एक संत ने दी कुर्बानी
* धन छोड़ा पर धर्म न छोड़ा…
* सुभाषचंद्र बोस की गजब की थी धर्म व संस्कृति निष्ठा
* कैसी हिम्मत और कैसा साहस होता है भारत के नन्हे बच्चों में !
* 13-14 साल के किशोर ने मंदिर तोड़नेवालों के किये दाँत खट्टे
* ऐसे उदार योद्धा को कोई गुलाम नहीं बना सकता
* …वह साहसी लड़का आगे चलकर भारत का प्रधानमंत्री बना
* …ऐसे संयमी थे देशभक्त चंद्रशेखर आजाद
* हजारों पर तीन सौ की विजय !
* मन के स्वामी कैसे बने राजा भर्तृहरि ?
* ऐसे पथिक विघ्न-बाधाओं से नहीं डरते
* अपने पर दृढ़ विश्वास था तो वे सफल हुए
* साहस, शौर्य, बल, पराक्रम, ओज, तेज से सम्पन्न भारत का एक युवा वीर
* काली की वीरता
* आत्मज्ञान की दिव्यता
* बालक रमण की युक्तियुक्त चतुराई से वृद्ध महिला को मिला न्याय
* सत्यनिष्ठ, न्यायप्रिय और ईमानदार बालक बनते महान
* धन्य हैं भारत के ऐसे लाल !
* सारस्वत्य मंत्र और बीरबल
* मातृ-पितृ-गुरु भक्त पुण्डलिक
* दीर्घायु का रहस्य
* विद्यार्थी सफलता कैसे पायें ?
* पूज्य संत श्री आशारामजी बापू का विद्यार्थियों के लिए प्रेरणाप्रद संदेश
* आदर्श चरित्र का निर्माण करें
Reviews
There are no reviews yet.