हमें लेने हैं अच्छे संस्कार
यदि हमें अपने राष्ट्र के भविष्य को उज्ज्वल बनाना हो तो बच्चों में अच्छे संस्कार भरने होंगे क्योंकि वे ही राष्ट्र के भावी कर्णधार हैं । बाल्यावस्था में अच्छे संस्कारों के बीज बच्चों के अंतःकरण में डाल दिये जायें तो अवसर आने पर वे उदित होते हैं । बच्चों में महानता के संस्कार जगानेवाली, सुषुप्त शक्तियों का विकास करनेवाली तथा उन्हें स्वस्थ, प्रसन्नचित्त, उत्साही, एकाग्र, लक्ष्यभेदी एवं कार्यकुशल बनानेवाली युक्तियों को संकलित करके ‘हमें लेने हैं अच्छे संस्कार’ नाम की यह पुस्तक बनायी गयी है । इसमें है :
* ईश्वरीय सहायता, प्रसन्नता और सफलता में सहायक : प्रार्थना
* सद्गुरु-महिमा
* पूज्य संत श्री आशारामजी बापू का पावन संदेश एवं उनकी प्रेरणाप्रद संक्षिप्त जीवनी
* वे सद्गुण जो आदर्श बालक में होने चाहिए
* जीवन-विकास और सर्व सफलताओं की कुंजी : आदर्श दिनचर्या
* विद्या के प्रकार
* बच्चों के जीवन में सद्गुणों का संचार करने के लिए उपयोगी साखियाँ व ज्ञानवर्धक पहेलियाँ
* पुरुषार्थी, दृढ़ संयमी, उत्साही बनाने हेतु मार्गदर्शन
* निर्भयता, दृढ़ता और कठोर तपस्या से भगवान को प्रकट करनेवाले बालभक्त की कहानी
* पूर्णतः वैज्ञानिक एवं रहस्यभरी भारतीय परम्पराओं की झलक
* स्मरणशक्ति बढ़ाने के उपाय
* अद्भुत गुरुदक्षिणा देकर साहस, त्याग और समर्पण का आदर्श प्रस्तुत करनेवाले गुरुभक्त की कथा
* माता-पिता का आदर-पूजन करने की सुंदर शिक्षा देनेवाली प्रेरणाप्रद सीख एवं कहानी
* माँ-बाप को भूलना नहीं (भजन)
* एक परोपकारी बालक की कहानी, जो बड़ा होकर बना विश्वप्रसिद्ध संत
* सुषुप्त शक्तियाँ जगाने के प्रयोग
* महापुरुषों, सद्गुरुओं के करुणामय कोमल हृदय की झाँकी करानेवाली प्रेरक कथा
* जन्मदिवस कैसे मनायें ?
* क्या करें, क्या नहीं ?
* अद्भुत साहस, आत्मविश्वास से सम्पन्न छत्रपति वीर शिवाजी महाराज की साहसिक झाँकी
* परीक्षा में सफल होने के लिए उपाय
* पृथ्वी का अमृत है गोदुग्ध
* आँतों और दाँतों के दुश्मन फास्टफूड, आइसक्रीम, चॉकलेट के घातक दुष्परिणाम
* तन को स्वस्थ, मन को प्रसन्न एवं सुषुप्त शक्तियों को जागृत करने की एक दिव्य प्रणाली – योगासन एवं यौगिक मुद्राएँ
* दीक्षा क्यों व किनसे लेनी चाहिए ?
* पूज्य बापूजी से मंत्रदीक्षा लेने के बाद विद्यार्थियों को हुए अनुभवों की एक झलक
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