शुद्ध हींग
हींग एक मसाला है जिससे न सिर्फ सब्जी का स्वाद बेहतर होता है बल्कि स्वास्थ्य को भी फायदा पहुंचता है ।
Ingredients – सामग्री
- शुद्ध हींग
Hing Powder Benefits in Hindi [Hing Powder ke Fayde]
- देवताओं का भोजन है हींग
- पेट की समस्याओं को दूर करती है हींग
- नेचुरल ब्लड थिनर है हींग
- हींग के सेवन से मासिक धर्म के दर्द में मिलती राहत
- सिरदर्द को कम करने में मददगार
- खांसी, अस्थमा से राहत दिला सकती है हींग
- शरीर में गांठ, पथरी, बवासीर और डायबिटीज में हींग से मिलता है लाभ
अन्य प्रयोग :
- हींग को जल में घिसकर आंख में काजल की तरह लगाने से पीलिया रोग में लाभ होता है ।
- हींग, तुम्बरु तथा सोंठ का काढ़ा बना लें । इसे सरसों के तेल में पका लें । इसे 1-2 बूंद की मात्रा में कान में डालें । इससे कानदर्द, कान में सनसनाहट तथा कान में घाव आदि में लाभ होता है ।
- स्वर्जिका क्षार, सूखी मूली, हींग, काली मिर्च, सोंठ तथा शतपुष्पा के काढ़ा को तेल में पका लें । इसे 1-2 बूंद की मात्रा में कान में डालें । इससे कान में सनसनाहट, बहरापन तथा कान बहने आदि रोगों में लाभ होता है ।
- हिंग्वादि तेल को 1-2 बूंद कान में डालने से कर्णशूल (कान के दर्द) ठीक होता है ।
- हींग को पानी में घिसकर गुनगुना करके 1-2 बूंद कान में डालने से कान के रोग ठीक होते हैं ।
- हींग को जल में पीसकर गुनगुना कर लें । इसे छाती पर लगाने से दमा, कुक्कुरखांसी, फेफड़े की सूजन में लाभ होता है ।
- हींग में पाये जाने वाले औषधि तत्व मासिक धर्म के समय होने वाले दर्द के साथ -साथ अन्य तकलीफों को भी कम करने में मदद करते हैं ।
- हींग में दर्दनिवारक गुण के साथ -साथ एन्टीबैक्ट्रिअल का भी गुण पाया है जो कि दांत दर्द कम करने में मदद करती है ।
- आयुर्वेद के अनुसार हींग में वातानुलोमक का गुण होता है जो कि कोलिक दर्द को कम करने में मदद करता है ।
- हींग में कैंसर रोधी क्रियाशीलता पायी जाती है जो कि कैंसर को फैलने से रोकती है ।
- हींग में कृमिघ्न का गुण पाया जाता है जो पेट में कीड़ों की समस्या दूर कर सकता है।
- हींग को थोड़ा गर्म कर लें। इसे जिस दांत पर कीड़े लगे हों वहां लगाकर थोड़ी देर के लिए दबा लें । इससे कीड़े नष्ट होने लगते हैं ।
- हींग में कफ को शांत करने के साथ -साथ एंटी बैक्ट्रियल गुण भी होता है जो कि निमोनिया, काली खांस के लक्षण को कम करने में मदद करते हैं ।
How To Use Hing Powder – उपयोग विधि [Kaise Upyog Karein] – Dosage
- हींग, अपामार्ग तथा खदिर सार चूर्ण को मिलाकर चने के समान (लगभग 250 मि.ग्रा.) वटी (गोली) बना लें । इसे जल के साथ सेवन करने से पेचिश में शीघ्र लाभ होता है ।
- 2 ग्राम शमी चूर्ण, 500 मिग्रा हींग तथा 1 ग्राम बनाएं मिलाकर कांजी के साथ पीने से सामान्य प्रसव होता है । बेहतर परिणाम के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर परामर्श लें ।
- हींग, हींग के पत्ते, छोटी इलायची, ब्राह्मी तथा चोर पुष्पी का काढ़ा तथा पेस्ट लें । इसे घी (पुराना घी बेहतर होगा) में पका लें । इसे 5 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से मैनिया रोग ठीक होता है ।
- तीव्र उन्माद (मैनिया) रोग से पीड़ित व्यक्ति को बकरे के 25-50 मि.ली. मूत्र में 125 मिग्रा हींग मिलाकर पिलाना चाहिए ।
- हींग को पीसकर दाद पर लगाएं । दाद ठीक होता है ।
- कपूर तथा हींग को मिलाकर पीस लें । इसे नहरुआ (स्नायुक) पर बांध देने से लाभ होता है । आप इस रोग में हींग को उपयोग में लाने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर परामर्श लें ।
- आप किसी व्यक्ति को बेहोशी की अवस्था से होश में लाने के लिए हींग का इस्तेमाल कर सकते हैं । 100 मि.ली. कांजी में 1 ग्राम सौवर्चल नमक, 1 25 मि.ग्रा. हींग, सोंठ, एक ग्राम मिर्च लें । इसके साथ ही 1 ग्राम पिप्पली मिलाकर मात्रानुसार पिलाने से लाभ होता है ।
- हींग, निम्बू फल के गुदे तथा पीपर को गोमूत्र में पीसकर काजल की तरह लगाने से बुखार ठीक होता है ।
- अजवायन, हरड़, हींग, चित्रक, सोंठ, यवक्षार, सज्जी क्षार, सफेद जीरा, पीपर, हरड़, बहेड़ा, आँवला, सौवर्चल तथा सेंधा नमक को बराबर मात्रा में पीस लें । इसे 1-2 ग्राम मात्रा में सेवन करने से बुखार ठीक होता है ।
- पुराने घी में हींग मिलाकर नस्य (नाक में डालने) लेने से चौथे स्तर के टॉयफॉयड में लाभ होता है ।
Note : 1 किलो हींग का मूल्य आपको हमारी वेबसाइट पर मिल जाएगा ।
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