वज्ररसायन टेबलेट
Ingredients- सामग्री
- हीरे की भस्म, गिलोय, आँवला आदि रसायन
- आयुः पुष्टिं बलं वीर्यं वर्णं सौख्यं करोति च । सेवितं सर्वरोगघ्नं मृतं वज्रं न संशयः ॥
- ‘हीरा भस्म आयु, पुष्टि, बल, वीर्य, शरीर के सुंदर वर्ण तथा सुख की वृद्धि करता है । अतः सेवन करने से यह सम्पूर्ण रोगों को दूर करनेवाला होता है, इसमें कोई संदेह नहीं है ।’
Hira Bhasma Benefits in Hindi [Hira Bhasma ke Fayde]
- शरीर को वज्र के समान मजबूत बनाता है । यह त्रिदोषशामक एवं उत्तम रसायन है ।
- दूषित कोशिकाओं को हटाकर नयी कोशिकाओं का निर्माण करने में सहायक है ।
- यह शुक्राणु उत्पन्न करनेवाली, ग्रंथियों को बल देनेवाली एवं नपुंसकता में अद्वितीय औषधि है । शुक्राल्पता तथा पौरुषशक्ति की कमी आदि समस्याओं में यह अत्यंत लाभदायक है ।
- याददाश्त की कमी, मानसिक एवं बौद्धिक कमजोरी, अवसाद (depression) आदि मानसिक समस्याओं में भी यह लाभदायी है ।
- यह बुढ़ापे के कारण होनेवाली कमजोरी, प्रोस्टेट वृद्धि, गृध्रसी (sciatica), लकवा (paralysis), मधुमेह (diabetes), हृदयरोग, टी.बी., उच्च रक्तचाप (high B.P.), गर्भाशय या अंडाशय की गाँठ, गर्भाशय की नलिकाओं में अवरोध (tubal blockage), भगंदर (fistula) आदि रोगों को दूर करने में सहायक है ।
सर्दियों में मधुमेह (diabetes) वालों के लिए बलदायक प्रयोग, वज्र रसायन टेबलेट की २ गोली सुबह खाली पेट घी अथवा पानी के साथ लेना लाभदायी है ।
- अनुचित आहार-विहार के कारण दूषित हुई कोशिकाएँ शरीर में गाँठें बना देती हैं । आगे चलकर इनमें से कुछ कैंसर का रूप ले लेती हैं । वज्र रसायन इन दूषित कोशिकाओं को हटाकर नयी कोशिकाओं का निर्माण करने में सहायक है ।
- गिलोय के साथ हीरा भस्म का संयोग होने से यह बुद्धिवर्धक उत्तम योग है । याददाश्त की कमी, मानसिक एवं बौद्धिक कमजोरी, अवसाद (depression) आदि मानसिक समस्याओं में भी यह लाभदायी है ।
- इसका उपयोग त्रिफला रसायन, मामरा बादाम, नेत्रबिंदु आदि नेत्ररोग निवारक औषधियों के साथ करने से आँखों की रोशनी कम होना, मोतियाबिंद आदि नेत्र संबंधी रोगों में अवश्य ही लाभ मिलता है ।
How To Use Hira Bhasma – उपयोग विधि [Kaise Upyog Kare] – Dosage
- स्वस्थ व्यक्ति शारीरिक बल बढ़ाने हेतु सर्दियों में आधी से १ गोली दिन में एक या दो बार दूध, मलाई, घी, शहद, किशमिश के रस या गुलकंद के साथ ले ।
- दूध, घी, फल, दालें, गेहूँ, जौ आदि का सेवन विशेषरूप से करना चाहिए ।
- रोग के निवारणार्थ वैद्यकीय परामर्श से उपयोग करें।
सावधानी :
- इसके सेवनकाल में मूली, कुलथी, चौलाई, हरी व लाल मिर्च, अदरक, लहसुन, दही, अचार, पापड़, अधिक तेलयुक्त पदार्थ, बाजारू व्यंजन या भोजन, नमकीन, चिप्स, मिठाई, चाय-कॉफी, सॉफ्ट ड्रिंक्स, नशीली वस्तुएँ आदि का सेवन वर्जित है । दूध, घी, फल, दालें, गेहूँ, जौ आदि का सेवन विशेषरूप से करना चाहिए ।
- स्वस्थ व्यक्ति शारीरिक बल बढ़ाने हेतु सर्दियों में आधी से १ गोली दिन में एक या दो बार दूध, मलाई, घी, शहद, किशमिश के रस या गुलकंद के साथ ले । रोग के निवारणार्थ वैद्यकीय परामर्श से उपयोग करें ।
विशेष :
- वज्र रसायन का लम्बे समय तक नित्य सेवन करना हो तो रात को या जब अनुकूल हो तब त्रिफला का भी सेवन करें । यदि वज्र रसायन को दूध या मलाई के साथ लेते हैं तो उसके सेवन व त्रिफला के सेवन में २ घंटे का अंतर रखें ।
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