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- लीवर तब भी कार्य करता रहता है जब आप सो रहे होते है । साथ ही एक साथ कई तरह के कार्य करने की क्षमता होने से त्वचा के बाद लीवर ही शरीर में सबसे बड़ा अंग होता है ।
- चूंकि लीवर शरीर में स्वतंत्र रुप से निर्णय लेने की क्षमता रखता है अतः इसे दूसरा मस्तिष्क भी कहते है जो खाये गये भोजन व दवाईयों के पाचन के बाद उन्हें शरीर में कब और कितनी मात्रा में जाने देना चाहिए यह निर्णय शरीर के हित में स्वतंत्र रुप से लेता है । अक्सर आपने देखा होगा कि अधिक मात्रा में ऐंटिबायोटिक लेने पर दस्त लग जाते हैं, यह लीवर ने मल और मूत्र के साथ शरीर से बाहर कर दिया । अतः अंग्रेजी दवाईयाँ और अन्य अभक्ष्य खाते समय इस मेहनती चौकीदार की सेहत का ख्याल रखना न भूलें ।
- अतः आपके सजग प्रहरी मित्र, लीवर की सेहत को ध्यान में रखते हुए, हमने चुनी हुई होमियोपैथिक औषधियों के सुंदर समन्वय से तैयार किया है होमियो लिवर केअर सिरप ।
- यह एक ऐसा लीवर टॉनिक है जो अनुचित खान-पान (तंबाखू, सिगरेट, शराब, मांस-मछली, चायनीज फूड आदि अभक्ष्य खाने) से लीवर में आयी विकृति, लीवर सिरोसिस, फैटी लीवर, पीलिया, भूख न लगना, अपचन, गैस, एसिडिटी, खट्टे डकार आदि की वजह से होने वाली कब्ज जैसी अनेक समस्याओं को आसानी से हल करता है तथा लगातार कम से कम 10 दिनों तक इसका सेवन करने पर यह पाचन शक्ति और भूख को बढ़ाता है ।
How To Use Homeopathic Treatment for Liver – उपयोग विधि [Kaise Upyog Kare] – Dosage
- 1-1 चम्मच दिन में तीन से चार बार व बच्चों के लिए आधी मात्रा या चिकित्सक की सलाह अनुसार ।
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