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- आमतौर पर देखा गया है कि खाँसी के लिए बाजार में जो दवाईयाँ उपलब्ध है, उचित निदान के अभाव में उनके सेवन से आशातीत लाभ नहीं मिलते, इसलिए मंहगी दवाईयाँ भी कई बार बेअसर साबित हो जाया करती हैं क्योंकि खाँसी कई प्रकार से और कई कारणों से उत्पन्न होती है और बाजार में उपलब्ध दवाईयाँ भी विशेष कारणों से उत्पन्न और विशेष प्रकार की खाँसी के लिए अलग-अलग बनी होती है, जैसे सूखी खाँसी, बलगम वाली खाँसी, कुकुर खाँसी, एलर्जीक खाँसी, संक्रामक खाँसी, धूम्रपान से उत्पन्न खाँसी, बुखार के बाद की खाँसी, भीगने से उत्पन्न और ठंडी हवा लगने से होनेवाली खाँसी आदि अनेक प्रकार और कई कारणों से उत्पन्न भिन्न प्रकार की खाँसी के लिए, विभिन्न दवाईयों का समायोजन किया जाता है ।
- अब यदि किसी प्रकार की खाँसी के लिए बाजार से कोई महंगा कफ मिक्सचर लिया जाता है। आमतौर पर कफ सिरप में एल्कोहल मिलाया जाता है जिससे खाँसी ठीक हो न हो लेकिन उसमें नीहित दवाईयों के साईड ईफेक्टस जैसे मुँह सूखना या अधिक लार बहना, अति प्यास, विभ्रम, नींद, चक्कर, घबराहट, बेचैनी जैसी आदि अनेक समस्याएं जरुर पैदा हो सकती हैं। इन साइड इफ़ेक्ट की वजह से मरीज़ को ठीक होने की बजाए उसकी बीमारी बढ़ जाती है।
- लेकिन जैसा कि आप जानते है, होमियोपैथी माँ की तरह व्यवहार करती है जिसमें औषधियाँ, लक्षण विशेष पर कार्य करने वाली होती है तथा अपना लक्षण न मिलने पर औषधि बिना किसी साईड ईफेक्ट के स्वयं ही निरस्त हो जाती है ।
- इसी बात को ध्यान में रखते हुए हमने बनाया है होमियो कफ केअर, जो हर प्रकार की खाँसी का एक उत्तम समाधान है क्योंकि इसमें नीहित निरापद होमियोपैथीक औषधियाँ स्वयं ही खाँसी का उचित निदान कर खुद ही समाधान भी कर देती है, इसीलिए जरुर प्रयोग कीजिए होमियो कफ केअर सिरप ।
How To Use Homeopathic Medicine for Cough – उपयोग विधि [Kaise Upyog Kare] – Dosage
1-1 चम्मच दिन में तीन से चार बार व बच्चों के लिए आधी मात्रा या चिकित्सक की सलाह अनुसार ।
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