हृदयामृत टेबलेट
छाती में दर्द, सीने में जकड़न, सांसों की कमी, गर्दन-जबड़े- गले- पैर- बाजू में दर्द, अनियमित दिल की धड़कन, पैरों या भुजाओं में सुन्नपन, बेहोशी या चक्कर आना, थकान होना इसके मुख्य लक्षण हैं । नस-नाड़ियों में ब्लॉकेज को निकालने के लिए आपरेशन में लाखों रुपए खर्च करने पड़ते हैं फिर भी कुछ समय बाद फिर से ब्लॉकेज हो जाता है ।
हृदय की कमजोरी, हृदय की धड़कन बढ़ना, हृदय में दर्द आदि विभिन्न हृदय रोगों में तथा दमे के रोग में लाभदायी है । कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करके नस नाड़ियों में जमे अवरोधों को खोलती है एवं हृदय को बल प्रदान करती है । रक्त की अशुद्धियों को दूर करती है ।
Hridyamrit Vati Benefits in Hindi [Hridyamrit Vati ke Fayde]
- हृदय की कमजोरी, हृदय की धड़कन बढ़ना, हृदय में दर्द आदि विभिन्न हृदय रोगों में तथा दमे के रोग में लाभदायी ।
- यह दवा हृदय सम्बंधित रोगों के लिए लाभकारी होती है जैसे कि हृदय की धड़कन के अनियमित होने, उच्च रक्तचाप, एनजाइना और अन्य समस्याएं ।
- इसके अलावा, यह दमे के रोग में भी उपयोगी होती है ।
- हृदयामृत टेबलेट में शामिल जड़ी बूटियों के गुणों का उपयोग हृदय संबंधी रोगों को कम करने और इन रोगों के लक्षणों को दूर करने में किया जाता है ।
How To Use Hridyamrit Vati – उपयोग विधि [Kaise Upyog Kare] – Dosage
2 गोलियाँ दिन में 2 बार दूध या घी अथवा शहद के साथ लें । (बालकों के लिए 1 गोली दिन में 2 बार)
Precaution – सावधानी
सूचना :- हृदयामृत के साथ हरिओम स्वर्णमालती एवं हरिओम हृदयसुधा का उपयोग विशेष लाभदायी है ।
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