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नमकीन आँवला कैंडी / अच्युताय आँवला कैंडी
आयुर्वेदिक उल्लेख
- अमृतफल (आंवला) के अंग्रेजी नाम ने ही स्पष्ट कर दिया है कि इसकी उत्पत्ति भारतीय उपमहाद्वीप में हुई है । इस का वर्णन जब उपनिषदों, पुराणों के अलावा भारत के प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों में है तो हम मान सकते हैं कि यह फल कितना प्राचीन है और अब तो इसका महत्व लगातार बढ़ता जा रहा है ।
- आंवला का वर्णन जैमिनीय उपनिषद, स्कंद पुराण और पद्म पुराण में भी है । मान्यता है कि सृष्टि के सृजन के क्रम में सबसे पहले आंवले का वृक्ष ही उत्पन्न हुआ था, इन ग्रंथों के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान जहां-जहां, विष की हल्की बूंदें टपकीं वहां पर भांग-धतूरा जैसी बूटियां पनपी और जहां अमृत की बूंदें छलकीं वहां आंवला, पीपल, बेल, बरगद, अशोक आदि पेड़ पैदा हुए ।
- भारत के धार्मिक ग्रंथों के साथ-साथ आयुर्वेदिक ग्रंथों में भी अमृतफल (आंवला) को मानव शरीर के लिए विशेष लाभकारी बताया गया है । ग्रंथ ‘चरक संहिता’ में वर्णन है कि आंवले में नमकीन स्वाद को छोड़कर बाकी अन्य पांच रस कटु, अम्ल, तिक्त, कषाय, मधुर होते हैं । यह त्रिदोषनाशक है और कफ-पित्त का अत्याधिक शत्रु है । अन्य ग्रंथ ‘सुश्रुत संहिता’ में वर्णन है कि आंवला शरीर के दोषों को मल के द्वारा बाहर निकाल देता है और यह आयुवर्धक भी है ।
- पेड़-पौधे से जो औषधि बनती है उसको काष्ठौषधि कहते हैं और धातु-खनिज से जो औषधि बनती है उनको रसौषधि कहते हैं । इन दोनों तरह की औषधि में आंवला का इस्तेमाल किया जाता है । यहां तक कि आंवला को रसायन द्रव्यों में सबसे अच्छा माना जाता है । यही कारण है कि जब बाल बेजान और रूखे-सूखे हो जाते हैं
- तब इसका प्रयोग करने पर बालों में एक नई जान आ जाती है । इसका पेस्ट लगाने पर रूखे बाल काले, घने और चमकदार नजर आने लगाते हैं ।
- ग्रंथ ‘चरक संहिता’ में आयु बढ़ाने, बुखार कम करने, खांसी ठीक करने और कुष्ठ रोग का नाश करने वाली औषधि के लिए आँवला का उल्लेख मिलता है । इसी तरह ग्रंथ ‘सुश्रुत संहिता’ में आंवला के औषधीय गुणों के बारे में बताया गया है , इसे अधोभागहर संशमन औषधि बताया गया है, इसका मतलब है कि आंवला वह औषधि है, जो शरीर के दोष को मल के द्वारा बाहर निकालने में मदद करता है । पाचन संबंधित रोगों और पीलिया के लिए आंवला का उपयोग किया जाता है । इसे कई जगहों पर ‘अमला’ नाम से भी जाना जाता है ।
Ingredients – सामग्री
- आँवला, शक्कर, सौंफ, इलाइची (ठण्डे स्थान पर रखें)
हरि ॐ नमकीन आँवला कैंडी आँवले के मुरब्बे का सूखा प्रतिरूप ही है, आँवला विटामिन ‘सी’ का सर्वोत्तम और प्राकृतिक स्त्रोत है । यह रूचिकर, मुखसोधक, स्वादिष्ट एवं पाचक है । यह शारीरिक कमजोरी दूर करता है । हरि ॐ नमकीन आँवला कैंडी आपको तंदुरूस्त रहने में अद्भूत मदद करेगा ।
Namkeen Amla Candy Benefits in Hindi [Pipal Kand ke Fayde]
आँवला कैंडी के नियमित सेवन से शरीर की कार्य प्रणालियाँ सुचारू रूप से कार्य करती हैं जिससे शरीर पुष्ट व बलवान बनता है । यह यौवन को स्थिर रखने वाली, वीर्यवर्धक, नेत्रों के लिए हितकर, स्मृतिवर्धक, त्वचा के वर्णों में निखार लाने वाली, हड्डियों, दाँतों व बालों को मजबूत करने वाली महत्वपूर्ण औषधि है ।
- आमलक (आंवला) की सबसे बड़ी खासियत है हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाना । जिससे हमारा शरीर कई छोटी-बड़ी बीमारियों को होने नहीं देता या होने पर जल्द ठीक करता है ।
- आंवला विटामिन सी का उच्चतम स्रोत है । आंवले का विटामिन C बहुत शक्तिपूर्ण होता है । 100 ग्राम आंवला में 478 mg विटामिन C पाया जाता है । आंवले में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-कैंसर, एंटी-इन्फ्लेमेटरी जैसे गुण पाये जाते हैं ।
- आंवला किसी भी रूप में लिया जा सकता है । इससे आंवला के औषधीय गुण कम नहीं होते हैं । आप अपनी इच्छा के अनुरूप आंवला जूस, आंवला पाउडर, आंवला मुरब्बा, आंवला अचार का सेवन साल भर कर सकते हैं ।
- आँवला कैंडी आँखों के लिए लाभकारी है ,यह आँखों की रौशनी तेज करती है । आँवला कैंडी का सेवन मोतियाबिंद, रतौंधी और आँखों की अन्य बीमारियों में सुधार लाता है और आँखों के संक्रमण के खतरे कम होते हैं ।
- आँवला कैंडी बढे हुए कोलेस्ट्रोल लेवल को कम करती है और रक्तचाप सामान्य रखती है । आँवला कैंडी डायबिटीज के रोगी में ब्लड शुगर बैलेंस करने का काम करती है ।
- रोजाना आँवला कैंडी के सेवन से शरीर सभी तरह के विषैले तत्वों से मुक्त होता है । आँवला कैंडी के सेवन से लाल रक्त कोशिकाएं बढती हैं ।
- आँवला कैंडी हड्डियों को मजबूत बनाती है और हड्डी-रोग के खतरे कम करती है । आँवला कैंडी में कैल्शियम होता है जोकि हड्डी को कमजोर नहीं बनने देता ।
- आँवला कैंडी मेटाबोलिज्म तेज करके मोटापा कम करने में भी कारगर माना गयी है ।
- आँवला कैंडी किडनी स्टोन की बीमारी में आराम दिलाती है । डॉक्टर की बताई दवाइयों के साथ आँवला कैंडी का सेवन भी करें ।
- आँवला कैंडी पेट के लिए अत्यंत गुणकारी है ,पेट में गैस्ट्रिक एसिड जब ज्यादा अम्लीय हो जाता है तो पेट में गैस की समस्या होती है और कम अम्लीय हो जाने पर पाचन प्रक्रिया धीमी हो जाती है । आँवला कैंडी पेट के जठराग्नि का ph लेवल सामान्य स्तर पर बनाये रखता है ।
- आँवला कैंडी से पाचन प्रक्रिया सही रहती है ,यह पुराने कब्ज को भी दूर करती है । आँवला कैंडी पेट के अल्सर, पाचन और गैस्ट्रिक समस्या में काफी हद तक आराम पहुंचाती है ।
- खून की कमी के रोगी को आँवला कैंडी का सेवन किसी भी रूप में जरूर करना चाहिए । आँवला कैंडी में पाए जाने वाला विटामिन C हमारे भोजन में पाए जाने वाले लौह तत्व को हीमोग्लोबिन में मिलाने का काम करता है इसलिए हीमोग्लोबिन लेवल को बढ़ाने के लिए आंवला का सेवन बेहतरीन है ।
- अशुद्ध रक्त की वजह से त्वचा पर दाग-धब्बे, मुहांसे, बेजान त्वचा, थकान, कमजोरी आदि समस्याएं होती हैं,आँवला कैंडी के सेवन से कई त्वचा की समस्याएं दूर होती हैं । चेहरे की चमक और रुप निखारता है ।
- आंवला एक अच्छा एंटी-ऑक्सीडेंट है जो फ्री रेडिकल्स ख़त्म करके बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करता है । इसलिए जवान त्वचा चाहिए तो किसी भी रूप में आँवला कैंडी अवश्य खाइए । आँवला कैंडी का सेवन भी बढ़ती उम्र का प्रभाव कम करता है ।
- पुरुषों में स्वप्नदोष, यौन कमजोरी के इलाज के लिए आँवला कैंडी बहुत हितकारी है ।
- आँवला कैंडी कोलेस्ट्रोल कम करने, कब्ज ठीक करने, बढ़ती उम्र के असर कम करने, पीलिया (जॉन्डिस) में असरदार है ।
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