Buy Ayurvedic Panchras Syrup For Digestion (Pachan Shakti)

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पंचरस संतों द्वारा अनुभूत, स्वास्थ्य व उर्जाप्रदायक, पाचक व रोगनाशक अद्भुत योग है ।

  1. यह भूख को बढ़ाने वाला, रुचिकर, भोजन पचाने में सहायक, कृमिनाशक एवं हृदय के लिए हितकर अनुभूत रामबाण योग है ।
  2. इसके नियमित सेवन से पाचनशक्ति सबल होकर शरीर स्वस्थ, मजबूत व उर्जावान बनता है ।
  3. चेहरे में निखार आता है । रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ती है ।
  4. थकान दूर होकर प्रसन्नता एवं स्फूर्ति बढ़ती है ।
  5. रक्त की शुद्धि होने से त्वचा की कांति बढ़ाने में भी सहायक है ।

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पंचरस

सामग्री-

  • आँवला,
  •  तुलसी, 
  • हल्दी,
  •  पुदीना, 
  • अदरक 

Panchras Digestion Syrup Benefits in Hindi [Panchras Digestion Syrup ke Fayde]

पंचरस संतों द्वारा अनुभूत, स्वास्थ्य व उर्जाप्रदायक, पाचक व रोगनाशक अद्भुत योग है ।

  1. यह भूख को बढ़ाने वाला, रुचिकर, भोजन पचाने में सहायक, कृमिनाशक एवं हृदय के लिए हितकर अनुभूत रामबाण योग है ।
  2. इसके नियमित सेवन से पाचनशक्ति सबल होकर शरीर स्वस्थ, मजबूत व उर्जावान बनता है ।
  3. चेहरे में निखार आता है । रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ती है ।
  4. थकान दूर होकर प्रसन्नता एवं स्फूर्ति बढ़ती है ।
  5. रक्त की शुद्धि होने से त्वचा की कांति बढ़ाने में भी सहायक है ।
  6. आज की आधुनिक जीवनशैली, शारीरिक श्रम का अभाव एवं मिठाई, चोकलेट आदि चीनी से बनी चीज़ों व वसा, नमक आदि के अधिक उपयोग के कारण मोटापा, मधुमेह (Diabetes), कैंसर (Cancer), हृदय की रक्तवाहिनियों का अवरोध (Coronary Artery Disease), उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure), रक्त में वसा (Cholestrol) का बढ़ना आदि विभिन्न प्रकार के रोग उत्पन्न होते हैं । पंचरस इन सभी बीमारियों में बहुत अधिक लाभदायी है ।
  7. यह जीर्ण कोशिकाओं को पुनः नवजीवन देता है । स्वस्थ व्यक्ति यदि इसका सेवन करता रहे तो निरोगी रहने में मदद मिलती है, उसकी रोगप्रतिकारक क्षमता पुष्ट होगी। अतः इसे रसायन कहा जाता है । इसके सेवन से रक्तवाहिनियों की कार्यक्षमता बनी रहती है, जिससे वृद्धावस्था के लक्षण देरी से प्रकट होते है ।
  8. यह अमाशय, मस्तिष्क व हृदय को बल देता है । लीवर की क्रिया को व्यवस्थित करने वाला है ।
  9. उल्टी (Vomit), जी मिचलाना (Nausea), आफरा (Gas), कब्ज़ (Constipation), आदि पाचन सम्बंधित तकलीफ़ों में लाभदायी है ।
  10. इसमें पाए जाने वाले घटक द्रव्यों के कैंसर रोधक विशेष गुण हैं, जिसके कारण यह कैंसर से रक्षा करने में सहायक है ।
  11. इसमें पाए जाने वाले एंटी हिस्टामिन के कारण यह एलर्जी के कारण होने वाले सर्दी-जुकाम, छींक आना आदि प्रतिक्रिया का शमन करता है ।

How To Use Panchras Digestion Syrup – उपयोग विधि [Kaise Upyog Kare] – Dosage

2 चम्मच (10 मि.ली) से 3 चम्मच (15 मि.ली) शहद या पानी के साथ दिन में एक से दो बार ले सकते हैं अथवा वैद्यकीय सलाहनुसार लें ।  उपयोग करने से पहले बोतल को अच्छी तरह से हिला लें ।

Precaution – सावधानी

पाचन शक्ति चूर्ण लेने के बाद 1 घंटे तक दूध ना लें, पंचरस शुक्रवार एवं रविवार को भी ना लें ।

तत्व विश्लेषण:

⬤ आँवला :

  • ग्रंथ ‘चरकसंहिता’ में वर्णन है कि आंवले में लवण रस (नमकीन स्वाद) को छोड़कर बाकी अन्य पांच रस कटु, अम्ल, तिक्त, कषाय, मधुर होते हैं । यह त्रिदोषनाशक है और कफ-पित्त का अत्याधिक शत्रु है । आयु बढ़ाने, बुखार कम करने, खांसी ठीक करने और कुष्ठ रोग का नाश करने वाली औषधि के लिए आंवला का उल्लेख मिलता है ।
  • सुश्रुत संहिता में आंवला को अधोभागहर संशमन औषधि बताया गया है, इसका मतलब है कि आंवला वह औषधि है, जो शरीर के दोष को मल के द्वारा बाहर निकालने में मदद करता है । पाचन संबंधित रोगों और पीलिया के लिए आंवला का उपयोग किया जाता है । इसे कई जगहों पर ‘अमला’ नाम से भी जाना जाता है ।

⬤ तुलसी :

  • भारत के अधिकांश प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों में तुलसी की महत्ता का वर्णन है ।
  • चरकसंहिता में वर्णन है कि तुलसी हिचकी, खांसी, विष, श्वांस रोग और पार्श्व शूल (पसलियों में दर्द) को नष्ट करती है । यह पित्त कारक, कफ- वातनाशक तथा शरीर की दुर्गंध दूर करती है । 
  • सुश्रुत संहिता में कहा गया है कि तुलसी, कफ, वात, विष विकार, श्वांस-खांसी और दुर्गंधनाशक है ।
  • अन्य पौराणिक ग्रंथ भावप्रकाश में कहा गया है कि तुलसी पित्तनाशक, वात-कृमि तथा दुर्गंध नाशक है । पसली का दर्द, अरुचि, खांसी, श्वांस, हिचकी आदि विकारों को जीतने वाली है ।
  • इसमें तमाम तरह के औषधीय गुण मौजूद होते हैं । 

➠ तुलसी का अर्क रोग प्रतिरोधक शक्ति को बेहतर करने में, खून में शुगर के स्तर को संतुलित रखने में तो सहायक होता ही है । इसके साथ ही इसमें एंटी पायरेटिक (बुखार कम करने वाला), एंटी कैंसर, एंटी फंगल गुण भी मौजूद है ।

➠ यह सर्दी – जुकाम खांसी, एसिडिटी ज्वर, दस्त, वमन, हिचकी, मुख की दुर्गन्ध, मन्दाग्नि, पेचिस में लाभदायी व हृदय के लिए हितकर है ।

➠ यह रक्त में से अतिरिक्त स्निग्धांश को हटाकर रक्त को शुद्ध करता है ।

➠ यह सौन्दर्य, बल, ब्रह्मचर्य एवं स्मृतिवर्धक व कीटाणु, त्रिदोष और विषनाशक है । 

⬤ हल्दी :

  • हल्दी एक जड़ी-बूटी है । इसका इस्तेमाल मसालों के रुप में प्रमुखता से किया जाता है । हिंदू धर्म में पूजा में या कोई भी शुभ काम करते समय हल्दी का उपयोग किया जाता है । खाने के अलावा कई तरह की बीमारियों से बचाव में भी हल्दी का उपयोग होता है । इस समय पूरी दुनिया में हल्दी के गुणों पर रिसर्च चल रहे हैं और कई रिसर्च आयुर्वेद में बताए गुणों की पुष्टि करते हैं ।
  • हल्दी हमारे शरीर की इम्युनिटी को बढ़ाती है जिस वजह से तमाम तरह की संक्रामक बीमारियों से बचाव होता है । हल्दी में वात-कफ दोषों को कम करने वाले गुण होते हैं और यह शरीर में खून बढ़ाने में मदद करती है । डायबिटीज में हल्दी का सेवन बहुत ही उपयोगी माना जाता है ।  

⬤ पुदीना :

  • पुदीना कफ और वात दोष को कम करता है, भूख बढ़ाता है । आप पुदीना का प्रयोग मल-मूत्र संबंधित बीमारियां और शारीरिक कमजोरी दूर करने के लिए भी कर सकते हैं । यह दस्त, पेचिश, बुखार, पेट के रोग, लीवर आदि विकार को ठीक करने के लिए भी उपयोग में लाया जाता है ।
  • यह पेट के समस्त रोग, कृमि, बालकों के रोग, जी मिचलाना (घबराहट), अरूचि, मंदाग्नि, आफरा, अजीर्ण, अतिसार प्रवाहिका, संग्रहणी, उल्टी, दस्त, पेचिस, पांडू श्वास-खाँसी, कफ-वात रोग आदि में उपयोगी तथा मुख दुर्गन्ध नाशक, पाचक, पीड़ानाशक एवं रक्तवर्धक बहुगुणकारी औषधि है । 

Additional information

Net Weight (after packaging) 650 g
Volume

500ml

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