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पीपल आँवला कंद
- पवित्र पीपल वृक्ष के आरक्त पत्र व तीर्थस्थली पुष्कर आश्रम में उत्पन्न हुए फाल्गुन की सूर्य किरणों से भलीभांति परिपक्व हुए आंवले, इन दोनों के दिव्य औषधीय गुणों का लाभ साधकों को प्राप्त हो इस उद्देश्य से पूज्य बापूजी के आश्रमों में पीपल आँवला कंद बनाया गया है।
- इसे सूर्य की किरणों में पक्व व चंद्रमा की शीतल किरणों से पुष्ट किया गया है।
- मोती पिष्टी के सहयोग से यह अत्यंत शीतल उत्तम पित्त शामक, हृदय व नाड़ी संस्थान के लिए बलकारक, रक्त शुद्धिकर, पुष्टि तृप्ति कारक और मनःशांति का लाभ प्रदान करता है।
Ingredients – सामग्री
पवित्र पीपल वृक्ष के आरक्त पत्र, आंवले, मोती पिष्टी
Pipal Kand Benefits in Hindi [Pipal Kand ke Fayde]
- इसके सेवन से गर्मी और पित्तजन्य समस्याएं जैसे दाह, जलन, छाले, लू लगाना , अधिक मासिकस्राव आदि में राहत मिलती है।
- यह काम विकार व स्वप्नदोष को नियंत्रित करता है।
- क्रोधी स्वभाव का नियमन करने में पीपल आँवला कंद अनुपम है।
- शांति प्रदायक होने से यह उन्माद और अपस्मार अर्थात एपिलेप्सी आदि मानसिक विकारों में भी लाभदायी है।
- यह बार-बार होने वाले गर्भपात से रक्षा करता है। उत्तम गर्भ पोषक है। अतः गर्भवती माताओं के लिए विशेष सेवनीय है।
पीपल कंद अत्यंत शीतल, उत्तम पित्त शामक, हृदय व नाड़ी संस्थान के लिए बलकारक, गर्भपोषक, रक्त शुद्धीकर, पुष्टि-तृप्तिकारक, मनः शांतिकर, व गर्मियों में विशेष सेवनीय है ।
How To Use Pipal Kand – उपयोग विधि [Kaise Upyog Kare] – Dosage
- सुबह – शाम ५ से १० ग्राम । पीपल आँवला कंद खूब चबा चबाकर खायें ।
- बलवान शरीर व दीर्घ जीवन के लिए पीपल आँवला कंद के साथ आश्रम से निर्मित वज्र रसायन गोली का सेवन विशेष लाभकारी है।
- वज्र रसायन हीरा भस्म से बनी हुई है। इससे शरीर वज्र के समान मजबूत बनता है। शरीर में नयी कोशिकाओं का निर्माण होता है । रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है, जिससे विषाणु जनित संक्रामक रोगों से रक्षा होती है।
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