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दिव्य स्वर्णक्षार युक्त पीयूष बल्य रसायन
- गाय बच्चे को जन्म देने के बाद पहले 3-4 दिन तक जो पीला, गाढ़ा दूध देती है उसे आयुर्वेद ने ‘पीयूष’ अर्थात अमृत कहा है ।
- वैदिक विज्ञान के अनुसार भारतीय नस्ल की गायों में सूर्यकेतु नाड़ी होती है जो कूबड़(hump) से लेकर रीढ़ के समानांतर रहती है ।
- यह नाड़ी सूर्य, चन्द्र व ब्रह्मांड के अन्य तारों की ऊर्जा को ग्रहण कर गाय को प्रदान करती है ।
- इस ब्रह्मांडीय ऊर्जा को आत्मसात कर गाय शक्तिशाली स्वर्णक्षार युक्त दूध का निर्माण करती है ।
- होल्सटीन, जर्सी आदि विदेशी नस्ल की गायों में यह सूर्यकेतु नाड़ी नहीं होने के कारण उनके दूध में स्वर्णक्षार नहीं पाये जाते हैं ।
पीयूष बल्य रसायन की कार्यप्रणालीः
- पीयूष एंटीबॉडीज (इम्यूनोग्लोब्लुलिन्स – lgG, lgA, lgM, lgE) का उत्तम स्रोत है, जो रोगप्रतिरोधक शक्ति (immunity power) को बढ़ाकर घातक विषाणुजन्य संक्रमणों (viral infections) से प्रतिकार करने की शक्ति देते हैं ।
- पीयूष में प्रोटीन्स, विटामिन्स, खनिज तत्त्व (minerals), एमिनो एसिड्स, एंटीऑक्सीडेंट्स आदि 250 से भी अधिक सक्रिय रासायनिक यौगिक पाये जाते हैं, जो शरीर के संवर्धन, बलवर्धन व सुरक्षा का कार्य करते हैं ।
- पीयूष में प्रचुर मात्रा में उपस्थित बायोएक्टिव यौगिक और प्री-बायोटिक घटक आँतों, हड्डियों, मस्तिष्क व प्रतिरक्षा-तंत्र (immune system) को सशक्त बनाते हैं ।
- पीयूष में उपस्थित स्वर्णक्षार वीर्य को पुष्ट कर बल, वर्ण, ओज व दीर्घायु प्रदान करते हैं ।
■ पीयूष बल्य रसायन का सेवन कौन कर सकता है ?
यह शक्ति का भण्डार अधिक परिश्रम करनेवाले व्यक्ति, खिलाड़ी, किसी रोग की निवृत्ति के बाद अथवा अन्य किसी कारण से दुर्बल हुए व्यक्ति, युवा, बालक व वृद्ध – सभी के लिए सभी ऋतुओं में लाभदायी है । शिशु के सर्वागीण विकास हेतु गर्भिणी व स्तनपान करानेवाली माताओं के लिए यह विशेष उपयोगी है ।
Piyush Bal Rasayan Benefits in Hindi [Piyush Bal Rasayan ke Fayde]
- पीयूष बल्य रसायन में यह तेजस्वी स्वर्णक्षार व अन्य अत्यंत गुणकारी पोषक तत्त्व विशेषरूप से होने के कारण यह शक्ति का दिव्य स्रोत है ।
- यह शरीर को पुष्ट करनेवाला, तृप्तिकारक, वीर्यवर्धक व शरीर के लिए सुखप्रद रसायन है ।
- इसके सेवन से शरीर में विशेष बल व स्फूर्ति की अनुभूति होती है ।
How To Use Piyush Bal Rasayan – उपयोग विधि [Kaise Upyog Kare] – Dosage
- 2 गोलियाँ सुबह अथवा 2-2 सुबह-शाम चूसकर खायें । बालकों के लिए मात्रा- 1-1 गोली या चिकित्सक की सलाह अनुसार लें ।
Precaution – सावधानी
- इसके सेवन के बाद एक घंटे तक फल तथा खट्टे व नमकयुक्त पदार्थ न लें । उपवास में तथा मधुमेह (Diabetes) के रुग्ण इसका सेवन नहीं करें ।
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