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30.00

  • बहुत कम लोगों को ही पता है कि पुदीना ऐसी जड़ी बूटी है जो औषधि के रुप में काम करती है । 
  • पुदीना अपने वातशामक गुण के कारण बालों के रूखेपन को कम करने में सहयोग देता है । ऐसा होने से बालों की रूसी एवं उनका बेजान होकर झड़ना या टूटना कम होता है, जिससे बाल प्राकृतिक रूप से बढ़ने लगते हैं ।
  • अक्सर पेट में गड़बड़ी होने पर अपच की समस्या होती है । इसमें नींबू, पुदीना तथा अदरक के 100-100 मिली रस लें । इसमें दोगुना (200 ग्राम) खांड मिला लें । इसे चांदी के बर्तन में पका लें । इस काढ़ा को 20 मिली मात्रा में सेवन करें । इससे अपच की समस्या ठीक होती है ।

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पुदीना अर्क

रुचिकारक, स्फूर्तिदायक, त्रिदोषशामक

तत्व विश्लेषण :

  • पुदीना सबसे ज्यादा अपने अनोखे स्वाद के लिए ही जाना जाता है । पुदीने की चटनी न सिर्फ खाने का जायका बढ़ाती है बल्कि स्वास्थ्यवर्धक भी होती है । आयुर्वेद में सदियों से पुदीने का इस्तेमाल औषधि के रुप में हो रहा है । सामान्य तौर पर पुदीने का उपयोग, दंत-मंजन, टूथपेस्ट, माउथ फ्रेशनर, कैंडीज, इन्हेलर आदि में किया जाता है ।
  • इसके अलावा भी आयुर्वेद में  पुदीने का प्रयोग अन्य रोगों के इलाज में भी होता है । 
  • सिर्फ 1/3 कप या चौदह ग्राम पुदीना में निम्नलिखित पोषक तत्व पाए जाते हैं :
  •  कैलोरी : 6
  •  फाइबर : 1 ग्राम
  •  विटामिन A : 12%
  •  आयरन : 9%
  •  मैंगनीज :  8%
  •  फोलेट :  4%

पुदीने में निम्न की मात्रा भी होती है :

  •  पोटैशियम
  •  मैग्नीशियम
  •  कैल्शियम
  •  फास्फोरस
  •  विटामिन C

सामग्री-

  • पुदीना

Pudina Ark Benefits in Hindi [Pudina Ark ke Fayde]

  • बहुत कम लोगों को ही पता है कि पुदीना ऐसी जड़ी बूटी है जो औषधि के रुप में काम करती है । 
  • पुदीना अपने वातशामक गुण के कारण बालों के रूखेपन को कम करने में सहयोग देता है । ऐसा होने से बालों की रूसी एवं उनका बेजान होकर झड़ना या टूटना कम होता है, जिससे बाल प्राकृतिक रूप से बढ़ने लगते हैं ।
  • कान संबंधी समस्याओं जैसे कान दर्द आदि में पुदीना के लाभ से जल्दी आराम मिलता है । कभी-कभी ठंड लगने पर या कान में पानी चले जाने पर कान में दर्द होने लगता है । ऐसे में पुदीना का रस कान में डालने से आराम मिलता है । आपको अर्क की 1-2 बूंद कान में डालना है ।
  • अक्सर देखा गया है की पाचन शक्ति ख़राब होने के कारण सर में दर्द होता है । पुदीने की चाय ऐसे में बहुत फायदेमंद सिद्ध हो सकती है, क्योंकि यह अपने दीपन-पाचन गुण के कारण खाने को अच्छी प्रकार से हजम करने में मदद करती है, जिससे आपका पाचन तंत्र मजबूत होता है । 
  • मुंह के छाले की परेशानी में पुदीने अर्क का काढ़ा बना लें । इससे गरारा करने से मुंह के छाले की समस्या ठीक होती है । 
  • पुदीने के अर्क से दांत को मांजने से दांतों का दर्द कम होता है । पुदीने के औषधीय गुण दाँत दर्द को कम करने में मदद करते हैं । पुदीना के लाभ दर्द से राहत दिलाने में बहुत मदद करते हैं ।
  • ठंड लगने पर सांस की नली अक्सर सूज जाती है और फिर गले में दर्द होने लगता है । इससे आराम पाने के लिए पुदीने अर्क का काढ़ा बनाकर 10-15 मिली. सेवन करने से सांस की नली की सूजन में आराम मिलती है ।
  • कभी-कभी दवा के कारण या लंबे समय से बीमार रहने के कारण भूख कम लगने लगती है । अगर आप भी इस समस्या से ग्रस्त हैं तो इसके लिए 6-6 ग्राम वृक्षाम्ल, पुदीना, सोंठ तथा मरिच, 50 मिली अनार का रस लें । इसके साथ ही, 3 ग्राम पिप्पली, 1 ग्राम लौंग, 3 ग्राम बड़ी इलायची, 18 ग्राम सेंधा नमक और 35 ग्राम जीरा लें । 
  • इनकी जितनी मात्रा हुई, उतनी मात्रा में ही इसमें मिश्री मिला लें । इसका चूर्ण बना लें । इसे 1-5 ग्राम की मात्रा में सेवन करें । इससे भूख ना लगने की परेशानी ठीक होती है ।
  • उल्टी को रोकने के लिए पुदीना का सेवन करना लाभ पहुंचाता है । अक्सर एसिडिटी होने पर, या दवा के साइड इफेक्ट के कारण, या फिर अन्य कारणों से भी उल्टी होने लगती है । अगर आप भी उल्टी की परेशानी से ग्रस्त हैं तो पुदीना अर्क का काढ़ा बना लें । इसे 10-20 मिली. मात्रा में पीने से उल्टी बन्द हो जाती है । 
  • उबकाई महसूस होने या आने की वजह ज्यादातर अग्निमांद्य या पाचन तंत्र का बिगड़ जाना होता है । पुदीने के सेवन से उबकाई महसूस होने के कष्ट से आराम मिलता है क्योंकि पुदीने में वात-कफ शामक और दीपन-पाचन गुण होते हैं जो आपके पाचन तंत्र स्वस्थ बनाये रखने में और अग्नि को दीप्त करने में सहयोग देते हैं । 
  • सामान्य तौर पर पेट की गड़बड़ी खान-पान में बदलाव की वजह से होती है । 10-15 मिली पुदीना के काढ़े में नमक तथा मरिच मिला लें । इसे पीने से पेट का रोग ठीक होता है । कभी-कभी जंक फूड खाने या मसालेदार खाना खाने से बदहजमी हो जाती है और पेट में दर्द होने लगता है । पुदीना का काढ़ा या पुदीना की चाय बनाकर पिलाने से आराम मिल जाता है ।
  • पुदीना के अर्क का काढ़ा बना लें । इसे 10-20 मिली मात्रा में सेवन करें । इससे अपच और दस्त की समस्या ठीक होती है ।
  • पुदीना अपने वात – कफ शामक गुण के कारण अस्थमा में भी लाभदायक होता है । इसकी तासीर गर्म होने के कारण फेफड़ों में जमे बलगम को पिघलाकर उसे बाहर निकालने में सहायता करती है । इससे इस बीमारी के लक्षणों के कम होने में सहायता मिलती है ।
  • इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम एक ऐसी अवस्था है जो अग्निमांद्य से उत्पन्न होती है जिसमें पाचन तंत्र की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है । इस स्थिति में शरीर में आम की उत्पत्ति शुरू हो जाती है जो कभी कभी मल के साथ निकलता हुआ भी दिखाई देता है ।
  • पुदीने का सेवन करने से यह अपने दीपन-पाचन गुण के कारण भोजन एवं आम को पचाता है और इसके लक्षणों को कम करने में सहायता करता है ।
  • मासिक धर्म में दर्द और ऐंठन यानि क्रैम्प का कारण बढ़ा हुआ वात दोष होता है । पुदीना के सेवन से हम इस दर्द और ऐंठन को दूर कर सकते हैं, क्योंकि इसमें वातशामक और उष्ण गुण होते है जो दर्द और ऐंठन में राहत देते हैं ।
  • पुदीना अर्क का काढ़ा बना लें । इसे 10-20 मिली. की मात्रा में पीने से गठिया का दर्द कम होता है ।
  • श्लीपद या हाथीपांव होने पर पैर हाथी की तरह फूल जाता है, और दर्द के कारण चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है । हाथीपांव के दर्द से राहत पाने के लिए पुदीना का काढ़ा बना लें । इसे 15-20 मिली. की मात्रा में सेवन करें ।
  • मौसम के बदलाव के कारण बुखार आने पर पुदीना अर्क का काढ़ा बनाकर पिएं । इससे बुखार ठीक हो जाता है । इसके अलावा पुदीने की चटनी बनाकर खिलाने से भी बुखार और बुखार के कारण होने वाली भूख की कमी ठीक होती है । पुदीना के औषधीय गुण बुखार से जल्दी आराम दिलाने में मदद करते हैं ।
  • शरीर की जलन से छुटकारा पाने के लिए पुदीने अर्क का काढ़ा बना लें । इसे 15 मिली. पीने से जलन कम होता है । शरीर की जलन को कम करने  में पुदीना के औषधीय गुण फायदेमंद तरीके से काम करते हैं । 
  • यह अर्क पेट के समस्त रोग, कृमि, बालकों के रोग, जी मिचलाना (घबराहट), अरूचि, मंदाग्नि, आफरा, अजीर्ण, अतिसार प्रवाहिका, संग्रहणी, उल्टी, दस्त, पेचिस, पांडू श्वास-खाँसी, कफ-वात रोग आदि में उपयोगी तथा मुख दुर्गन्धनाशक, पाचक, पीड़ानाशक एवं रक्तवर्धक बहुगुणकारी औषधि है ।

How To Use Pudina Ark – उपयोग विधि [Kaise Upyog Kare] – Dosage

  • मात्रा : 10 ले 20 मि.ली. अर्क आवश्यकतानुसार जल के साथ लें । (बालकों हेतु 3 से 10 मि.ली.)

सावधानी-

  • अर्क की बोतल के तल भाग में कुछ अवक्षेप व तलछट पाये जा सकते हैं इसलिए बोतल को हिलाये बिना ही औषधि का सेवन करें और अन्त में लगभग 10ml. अवशिष्ट भाग छोड़ दें ।

Additional information

Net Weight (after packaging) 502 g
Volume

210ml

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