त्रिफला चूर्ण
Ingredients – सामग्री
- हरीतकी, बिभीतक और आँवला
- एका हरीतकी योज्यो द्वौ योज्यो च बिभीतकौ । चत्वार्यामलकानि च …../ (शा. सं.)
- हरीतक्यास्त्रयो भागाः शिवाद्वादशभागिका । षड्भागाः स्युर्बिभीतस्य त्रिफलेयं प्रकीर्तिता ॥ ( म. पा. नि./हरीत./३१)
- हरीतकी एक, बिभीतक दो तथा चार आँवला लेकर मिलाना त्रिफला कहलाता है ।
Triphala Churna Benefits uses in Hindi [Triphala Churna Ke Fayde]
- त्रिफला कफ-पित्त का नाश करने वाला होता है ।
- त्रिफला प्रमेह व कुष्ठ का नाश करने वाला होता है ।
- त्रिफला चक्षुष्य होता हैं अर्थात नेत्र के लिए हितकर होता है ।
- त्रिफला दीपन करने वाला होता है तथा रूचि उत्पन्न करने वाला होता है ।
- त्रिफला विषमज्वर का नाश करने वाला होता है ।
- त्रिफला त्रिदोष का नाश करने वाला होता है । दीपन, रसायन, वृष्य, प्रमेह का नाश करने वाला, दिव्य ( मेध्य ) तथा नेत्र रोगों का नाश करने वाला होता है ।
- त्रिफला रसायन है, नेत्ररोग का नाश करने वाला होता है, रोपण तथा त्वचा का रोग नष्ट करने वाला होता है, क्लेद, मेदोरोग, प्रमेह, कफ और रक्त रोगों को नष्ट करने वाला होता है ।
- त्रिफला मधुर, शीतगुण के कारण पित्त का शमन करने वाला होता है ।
- रूक्ष और कषाय के कारण कफ का शमन करने वाला होता है ।
- त्रिफला वरा और फलोत्तमा इसके पर्याय है ।
How To Use Triphala Churna at Night – उपयोग विधि [Kaise Upyog Kare]
- 3 से 6 ग्राम तक, रात को सोते समय गर्म जल से या दूध (ठंडा) के साथ अथवा विषम भाग घी और शहद के साथ दें ।
Precaution – सावधानी
- ठंडे जल से इसका सेवन ना करें और भोजन के 2 घंटे बाद ही लें ।
- जिनका पित्त ज्यादा बढ़ा हुआ है गर्मी ज्यादा लगती हो, तो ठंडे जल से भी ले सकते हैं ।
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