तुलसी अर्क
- भारत के अधिकांश घरों में तुलसी के पौधे की पूजा की जाती है । हमारे ऋषियों को लाखों वर्ष पूर्व तुलसी के औषधीय गुणों का ज्ञान था इसलिए इसको दैनिक जीवन में प्रयोग हेतु इतनी प्रमुखता से स्थान दिया गया है । आयुर्वेद में भी तुलसी के फायदों का विस्तृत उल्लेख मिलता है ।
- भारत के अधिकतर प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों में तुलसी की विशेष महत्ता है । ‘चरक संहिता’ में वर्णन है कि तुलसी हिचकी, खांसी, विष, श्वास रोग और पार्श्व शूल (पसलियों में दर्द) को नष्ट करती है । यह पित्तकारक, कफ-वातनाशक तथा शरीर की दुर्गंध दूर करती है । ‘सुश्रुत संहिता’ में कहा गया है कि तुलसी, कफ, वात, विष विकार, श्वांस-खांसी और दुर्गंधनाशक है । अन्य पौराणिक ग्रंथ ‘भावप्रकाश’ में कहा गया है कि तुलसी पित्तनाशक, वात-कृमि तथा दुर्गंधनाशक है । पसली का दर्द, अरुचि, खांसी, श्वांस, हिचकी आदि विकारों को जीतने वाली है ।
सामग्री-
- तुलसी
Tulsi Ark Benefits in Hindi [Tulsi Ark ke Fayde]
- इसमें तमाम तरह के औषधीय गुण मौजूद होते हैं । तुलसी का अर्क रोग प्रतिरोधक शक्ति को बेहतर करने में, खून में शुगर के स्तर को संतुलित रखने में तो सहायक होता ही है, इसके साथ ही इसमें एंटी पायरेटिक (बुखार कम करने वाला), एंटी कैंसर, एंटी फंगल गुण भी मौजूद है । इस कारण आयुर्वेद में इसके तमाम तरह के लाभ बताए गए हैं ।
- यह सर्दी – जुकाम खांसी, एसिडिटी ज्वर, दस्त, वमन, हिचकी, मुख की दुर्गन्ध, मन्दाग्नि, पेचिस में लाभदायी व हृदय के लिए हितकर है । यह रक्त में से अतिरिक्त स्निग्धांश को हटाकर रक्त को शुद्ध करता है । यह सौन्दर्य, बल, ब्रह्मचर्य एवं स्मृतिवर्धक व कीटाणु, त्रिदोष और विषनाशक है ।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए तुलसी का अर्क लाभकारी माना जा सकता है । यह रोग प्रतिरोधक क्षमता की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने में मददगार हो सकता है ।
- तुलसी में तनाव कम करने वाला गुण है । तुलसी में एंटी स्ट्रेस गुण हैं, जो तनाव से बचाव करने में सहायक हो सकता है ।
- तुलसी शरीर से विषैले तत्वों को निकालकर मन को शांत रखने में सहायक हो सकती है ।
- तुलसी में एंटी डायबिटिक गुण मौजूद होता है, जो बढ़े हुए ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है ।
- तुलसी या तुलसी के अर्क में एंटी कैंसर गुण मौजूद होते हैं, जो कैंसर के जोखिम को कुछ हद तक कम कर सकते हैं ।
- तुलसी के अर्क में कार्डियोप्रोटेक्टिव गुण मौजूद होते हैं । इसमें मौजूद यह गुण दिल को स्वस्थ रखकर हृदय से जुड़ी समस्याओं से बचाव में प्रभावकारी हो सकता है ।
- पेट से जुड़ी कई समस्याओं के लिए तुलसी का अर्क लाभकारी हो सकता है ।
- इस अर्क में एंटी ऑक्सीडेंट प्रभाव पाया जाता है । इसमें यूजेनॉल और ल्यूटेओलिन नामक तत्व होते हैं, जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने के साथ त्वचा से जुड़ी समस्याओं में राहत प्रदान कर सकते हैं ।
- दिमाग के लिए भी तुलसी के फायदे लाजवाब तरीके से काम करते हैं । इसके रोजाना सेवन से मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढ़ती है और याददाश्त तेज होती है ।
- ज्यादा काम करने या अधिक तनाव में होने पर सिर दर्द होना एक आम बात है । अगर आप भी अक्सर सिर दर्द की समस्या से परेशान रहते हैं तो तुलसी के उपयोग से आपको राहत मिल सकती है ।
- अगर आपके सिर में जुएं पड़ गई हैं और कई दिनों से यह समस्या ठीक नहीं हो रही है तो बालों में तेल और तुलसी अर्क मिला के लगाएं ।
- तुलसी की पत्तियां कान के दर्द और सूजन से आराम दिलाने में भी असरदार है । अगर कान में दर्द है तो तुलसी अर्क को गर्म करके 2-2 बूँद कान में डालें ।
- सर्दी-जुकाम होने पर या मौसम में बदलाव होने पर अक्सर गले में खराश या गला बैठ जाने जैसी समस्याएं होने लगती हैं । तुलसी गले से जुड़े विकारों को दूर करने में बहुत ही लाभप्रद है ।
- गले की समस्याओं से आराम पाने के लिए तुलसी अर्क को हल्के गुनगुने पानी में मिलाकर उससे कुल्ला करें । इसके अलावा तुलसी अर्क-युक्त जल में हल्दी और सेंधा नमक मिलाकर कुल्ला करने से भी मुख, दांत तथा गले के सब विकार दूर होते हैं ।
- तुलसी अर्क से बने शर्बत को आधी से डेढ़ चम्मच की मात्रा में बच्चों को तथा 2 से चार चम्मच तक बड़ों को सेवन कराने से, खांसी, श्वास, कुक्कुर खांसी और गले की खराश में लाभ होता है ।
- इस शर्बत में गर्म पानी मिलाकर लेने से जुकाम तथा दमा में बहुत लाभ होता है । इस शरबत को बनाने के लिए तुलसी अर्क 50 मिली, अदरक 25 ग्राम तथा काली मिर्च 15 ग्राम को 500 मिली जल में मिलाकर काढ़ा बनाएं, चौथाई शेष रहने पर छानकर तथा 10 ग्राम छोटी इलायची बीजों के महीन चूर्ण मिलाकर 200 ग्राम चीनी डालकर पकाएं, एक तार की चाशनी हो जाने पर छानकर रख लें और इसका सेवन करें ।
- अगर आपकी पाचन शक्ति कमजोर है या फिर आप अपच या अजीर्ण की समस्या से पीड़ित रहते हैं तो तुलसी का सेवन करें ।
- पीलिया या कामला एक ऐसी बीमारी है जिसका सही समय पर इलाज ना करवाने से यह आगे चलकर गंभीर बीमारी बन जाती है । तुलसी अर्क को छाछ (तक्र) के साथ मिलाकर पीने से पीलिया में लाभ होता है । इसके अलावा तुलसी अर्क का काढ़ा बनाकर पीने से भी पीलिया में आराम मिलता है ।
- अगर आप कुष्ठ रोग से पीड़ित हैं तो जान लें कि तुलसी का सेवन कुष्ठ रोग को कुछ हद तक दूर करने में सहायक है । पतंजलि आयुर्वेद के अनुसार 10-20 तुलसी अर्क को प्रतिदिन सुबह पीने से कुष्ठ रोग में लाभ होता है ।
How To Use Tulsi Ark – उपयोग विधि [Kaise Upyog Kare] – Dosage
- 5 से 15 मिली. दिन में एक या दो बार खाली पेट पानी के साथ (खुराक व्यक्तियों की उम्र, वजन और बीमारी पर निर्भर करती है) या जैसा चिकित्सक द्वारा निर्देशित हो ।
- तुलसी का अर्क त्वचा पर सीधे लगा सकते हैं ।
- फेस पैक में मिलाकर भी तुलसी का अर्क लगा सकते हैं ।
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