पाचनशक्ति व बुद्धि वर्धक, हृदय के लिए हितकारी
ओजस्वी चाय
१४ बहुमूल्य औषधियों के संयोग से बनी यह ओजस्वी चाय क्षुधावर्धक, मेध्य व हृदय के लिए बलदायक है यह मनोबल को बढ़ाती है । मस्तिष्क को तनावमुक्त करती है, जिससे नींद अच्छी आती है । यह यकृत के कार्य को सुधारकर रक्त की शुद्धि करती है। इसमें निहित घटक द्रव्य व उनके लाभ :
सोंठ : कफनाशक, आमपाचक, जठराग्निवर्धक । ब्राह्मी स्मृति, मेधा शक्ति व मनोबल वर्धक । अर्जुन : हृदय बलवर्धक, रक्त शुद्धिकर, अस्थि पुष्टिकर। दालचीनी : जंतुनाशक, हृदय व यकृत उत्तेजक, ओजवर्धक। तेजपत्र : सुगंध व स्वाद दायक, दीपन, पाचक । शंखपुष्पी : मेध्य, तनावमुक्त करनेवाली, निद्राजनक । काली मिर्च : जठराग्निवर्धक, कफघ्न, कृमिनाशक । रक्तचंदन : दाहशामक, नेत्रों के लिए हितकर । नागरमोथ : दाहशामक, पित्तशामक, कृमिघ्न, पाचक । इलायची : त्रिदोषशामक, मुखदुर्गधिहर, हृदय के लिए हितकर । कुलंजन : पाचक, कंटशुद्धिकर, बहुमूत्र में उपयुक्त । जायफल : स्वर व वर्ण सुधारनेवाला, रुचिकर, वृष्य । मुलैठी (यष्टिमधु) : कंठ शुद्धिकर, कफघ्न, स्वरसुधारक । सौंफ : उत्तम पाचक, रुचिकर, नेत्रज्योतिवर्धक ।
एक-आधा घंटा पहले अथवा रात को पानी में भिगोकर रखी हुई ओजस्वी चाय सुबह उबालें तो उसका और अधिक गुण आयेगा ।