Women Wellness Set
Price Rs.780/-
Products List:
1. SHATAVRI CHURN -
लाभः यह बल, वीर्य व बुद्धि वर्धक, चिरयौवन व दीर्घ आयुष्य देनेवाली, वजन बढ़ाने में मददरूप, नेत्र एवं हृदय के लिए हितकर तथा रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ानेवाली श्रेष्ठ औषधी है । इसका नियमित सेवन सामान्य कमजोरी (General Debility), दुर्बलता (Emaciation), वीर्य से संबंधित बीमारियों, अत्यधिक मासिक स्राव, वंध्यत्व आदि रोगों में लाभदायी है । इसके सेवन से प्रसूति के बाद दूध खुलकर आता है ।
2.SAUBHAGYA SUNTHI PAAK -
यह 80 प्रकार के वातरोग, 40 प्रकार के पित्तरोग तथ 20 प्रकार के कफ रोगों को नष्ट करता है ।इस पाक की महिमा का वर्णन भगवान महादेवजी ने पार्वतीजी के समक्ष किया था । नारदजी ने इसे ब्रम्हाजी के श्रीमुख से सुना व अश्विनीकुमारों ने इस पाक का निर्माण किया था । इसके सेवन से बल, बुद्धि, स्मृति, उत्तम वाणी, सौंन्दर्य, सुकुमारता तथा सौभाग्य की प्राप्ति होती है । माताओं के लिए यह खास वरदानस्वरूप है प्रसूति के बाद सेवन से दूध खुलकर आता है तथा संभावित कई व्याधियों से रक्षा होती है । सर्दियों में इस दैवी पाक का विधिवत सेवन कर सभी निरोगता व दिर्घ्यायुष्य की प्राप्ति कर सकते है ।
3. AMLA CHURN -
इसके उपयोग से पुरुषों में स्वप्नदोष और महिलाओं का पानी गिरने का दोष दूर होता है, ऊर्जा बढ़ती है । शरीर के सार-तत्त्व की रक्षा होती है ।
4. HOMOEO FEMI CARE -
शास्त्रों के अनुसार नारी की तुलना जल से की जाती है और जल रस रुप है और रस तरल होता है अर्थात नारी का स्वभाव तरल होता है जिसकी वजह से नारियाँ सहज ही अपने मनोभाव व्यक्त नहीं कर पाती और पहले तो नारी के निर्णय को पुरुष प्रधान समाज महत्व ही नहीं देते थे जो अब कुछ कुछ संभव हुआ है, अपने सहज मनोभावों को दबाए रखने और व्यक्त न करने की वजह से विषेश कर भारतीय नारियों में कई सारे रोग पनपने लगते है ।
कहा भी गया है... बिमारियाँ मन में उपजती है और तन में पनपती है ।
नारियों के शरीर में सबसे संवेदनशील अंग होते है – गर्भाशय, ओवरिज, फेलोपियन ट्यूब्स और स्तन...मात्र इनकी बजह से नारी की देह, पुरुष देह से भिन्न होती है और जब जब नारी चिंता, व्याकुलता, तनाव, अवसाद, उद्वेग, घबराहट, क्रोध आदि मनोभावों से ग्रस्त हुई हों और इन्हें अनुकुलता से प्रकट नहीं कर पाई हों, तब यही मनोभाव, मनोरोग में बदल जाते है जो आगे चलकर भौतिक रुप से नारी के संवेदनशील अंगों में जमा होते है और समय पाकर PCOD/PCOS, सीस्ट्स, ट्यूमर, फायब्राईड, अनियमित मासिक, श्वेत व रक्त प्रदर, बाँझापन, डिस्मेनोरिया, हार्मोनल इम्बैलेन्स जैसे आदि अनेक रोगों में बदल जाते है ।
अब यदि उक्त रोगों का उचित समय पर सही निदान और समचिकित्सा(Curative treatment) न हुआ और स्त्री उसी प्रकार की परिस्थितियों से गुजरती रही तो संबंधित अंगो में कैंसर जैसा घातक रोग तक पैदा होने की संभावना बन जाती है, अतः कोशिश की जाये की माताओं-बहनों को मानसिक क्लेश न दिया जाए और जो माताऐं-बहनें उक्त स्त्री रोगों से ग्रसित है उन्हे कोशिश करके समचिकित्सा अर्थात होमियो चिकित्सा के लिए प्रेरित किया जाये ।
माताओं-बहनों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए हर संभव समऔषधियों (होमियो-औषधियों) का चयन कर के हमने बनाया होमियो फेमी केअर सिरप जो एक प्रकार से नारियो का परम मित्र है जो नारियों में होने वाले समस्त मनोविकारों और देह विकारों को जड़मूल से खत्म करके उन्हें देता है संपूर्ण आरोग्य ।
होमियो फेमी केअर सिरप से पूरा लाभ लेने के लिए इसके साथ अवश्य प्रयोग करें होमियो फेमीटैब्स...।
5. HOMOEO FEMI TAB -
लाभः मासिक धर्म से संबंधित कष्ट जैसे मासिक का न आना, दर्द के साथ होना, श्वेत प्रदर, गर्भाशय की विकृतिजन्य बाँझपन, वन्ध्यत्व आदि को दूर कर गर्भाशय को सशक्त कर गर्भाधान में सहयोग करता है ।
6.PANCHRAS
लाभ :- पंचरस संतों द्वारा अनुभूत, स्वास्थ्य व उर्जाप्रदायक, पाचक व रोगनाशक अद्भुत योग है.
7. NARI TU NARAYANI (BOOK) -
नारी तू नारायणी
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता।
'जिस कुल में स्त्रियों का आदर है वहाँ देवता प्रसन्न रहते हैं ।'
इस प्रकार शास्त्रों में नारी की महिमा बतायी गयी है । भारतीय समाज में नारी का एक विशिष्ट व गौरवपूर्ण स्थान है । वह भोग्य नहीं है बल्कि पुरुष को भी शिक्षा देने योग्य चरित्र बरत सकती है । अगर वह अपने चरित्र और साधना में दृढ़ तथा उत्साही बन जाय तो अपने माता, पिता, पति, सास और श्वसुर की भी उद्धारक हो सकती है ।
धर्म (आचारसंहिता) की स्थापना भले आचार्यों ने की, पर उसे सँभाले रखना, विस्तारित करना और बच्चों में उसके संस्कारों का सिंचन करना – इन सबका श्रेय नारी को जाता है । भारतीय संस्कृति ने स्त्री को माता के रूप में स्वीकार करके यह बात प्रसिद्ध की है कि नारी पुरुष के कामोपभोग की सामग्री नहीं बल्कि वंदनीय, पूजनीय है ।
इस पुस्तक में परम पूज्य संत श्री आसारामजी बापू के सत्संग-प्रवचनों से आदर्श नारियों के कुछ ऐसे जीवन-प्रसंग संग्रहित किये गये हैं कि नारियाँ यदि इस चयन का बार-बार अवलोकन करेंगी तो उन्हें अवश्य लाभ होगा ।
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