|| लक्ष्मीश्च गोमये नित्यं पवित्रा सर्वमङगला ||
||गोमय में परम पवित्र, सर्वमंगलमयी लक्ष्मी जी नित्य निवास करती हैं || – (स्कन्द पुराण)
Ingredients – सामग्री :
- पंचगव्य(गाय का देसी घी, गोमय, दूध, दही, गोमूत्र )
- प्राकृतिक तेल
- गाय का देसी घी
- प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का मिश्रण
Panchgavya Soap Benefits in Hindi [Panchgavya Soap ke Fayde]
- पंचगव्य का निर्माण गाय के दूध, दही, घी, मूत्र, गोबर के द्वारा किया जाता है । पंचगव्य द्वारा शरीर की रोगनिरोधक क्षमता को बढ़ाकर रोगों को दूर किया जाता है ।
- गोमूत्र में प्रति ऑक्सीकरण की क्षमता के कारण डीएनए को नष्ट होने से बचाया जा सकता है ।
- गाय के गोबर का चर्म रोगों में उपचारीय महत्व सर्वविदित है ।
- पंचगव्य साबुन को बनाने की प्रक्रिया में एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों को सहेज कर रखा जाता है । एंटी-ऑक्सीडेंट की मौजूदगी त्वचा की चमक को बेहतर बनाने में मदद करती है और त्वचा को ताज़ा व जवां भी बनाती है ।
- पंचगव्यलाभकारी जीवाणुऔं का पोषक है ।
- पंचगव्य साबुन कीटाणु रहित भी होते हैं और ये पिंपल व मुंहासों को दूर रखने में भी मदद करते हैं ।
- पंचगव्य साबुन सौम्य होते हैं ये आपकी त्वचा के पीएच बैलेंस को भी नुकसान नहीं पहुंचाते हैं ।
- सभी देव गाय के शरीर में वास करते हैं, इसलिए गाय सर्वदेवमयी है । गावःकामदुहो देव्यो । गौएँ समस्त कामनाओं को पूर्ण करनेवाली देवियाँ हैं ।
How To Use Panchgavya Soap – उपयोग विधि [Kaise Upyog Kare] – Dosage
- ध्यान दें कि पंचगव्य साबुन लगाने से पहले चेहरा पानी से गीला हो चुका हो ।
- नहाने से पहले हाथों को पंचगव्य साबुन से धोना भी बहुत जरूरी है ।
- पंचगव्य साबुन को हाथों पर रगड़कर अच्छी मात्रा में झाग उठाएं ।
- इसके बाद इसे दोनों हाथों से चेहरे पर लगाएं ।
कुछ वैज्ञानिक तथ्य :
- आम साबुन में हानिकारक तत्व होते हैं जैसे पैराबेन, ट्राइक्लोसन, सल्फेट आदि । ये आपके शरीर के प्रजनन अंगों को प्रभावित कर सकते हैं, हार्मोन को बढ़ा सकते हैं और कैंसर के खतरे को बढ़ाने का काम करते हैं । इसलिए अपनी दिनचर्या में प्राकृतिक पंचगव्य साबुन का उपयोग करें ताकि आपकी त्वचा ताज़ा और स्वस्थ दिखाई दे ।
- प्राकृतिकपंचगव्य साबुन के बारे में आप जानते ही हैं कि ये पर्यावरण अनुकूल होते हैं, सुरक्षित होते हैं और इन्हें फिर से उपयोग किया जा सकता है क्योंकि ये प्राकृतिक तत्वों से बने होते हैं, जो पानी में बहकर फिर से पर्यावरण में मिल जाते हैं । वहीं दूसरी ओर आम साबुन में हानिकारक केमिकल और पेस्टिसाइड होते हैं, जो पानी के पर्यावरण को खराब कर सकते हैं और पूरे चक्र को बिगाड़ते हैं ।
- प्राकृतिक पंचगव्य साबुन सौम्य होते हैं ये आपकी त्वचा के पीएच बैलेंस को भी नुकसान नहीं पहुंचाते हैं और इस कारण आपकी स्किन को खुजली का खतरा भी कम रहता है ।
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